लड़कियां ब्रा क्यों पहनती हैं?
सारी दुनिया की खुशी एक तरफ और एक लंबे दिन के बाद ब्रा का हुक खोलकर उसे उतारने में जो सुख है, वो सिर्फ हम लड़कियां ही समझ सकती हैं। क्लास 8वीं से ही मां बोलने लगी कि अब तुम्हे 'ब्रा' पहनने चाहिए, क्योंकि तुम्हारे शरीर में अब बदलाव आने शुरू हो गए हैं। तबसे ही इस 'ब्रा' नाम के कबूतर को अपने गले से लगाए हुए हूं। एक लड़की के लिए वास्तव में ब्रा पहनना बहुत ज़रूरी होता है। ऐसा मै नहीं कह रही हूं, ऐसा ही हमें शुरूआत से ही देखने और सुनने को मिलता आ रहा है।
भले ही हम ब्रा पहनकर कितना ही कॉन्फिडेंट और खूबसूरत क्यों ना महसूस कर लें, पर इसे उतारते वक्त जो खुशी और आज़ादी हम महसूस करते हैं, वो और किसी चीज़ में नहीं। हो सकता है ऐसा कई लड़कियों को न लगता हो लेकिन मेरी इस सोच से बहुत सारी लड़कियां सहमत भी होंगी।
तो ये बात तो साफ है कि 'ब्रा' वो मुसीबत है जो हमने खुद ही मोल ली हैं। मै तो 'ब्रा' को उस कॉस्मेटिक से रिलेट करती हूं जो हमारी धीरे-धीरे हमारी उम्र को घटा रहे हैं। बेशक मै ब्रा पहन कर ही बाहर निकलती हूं और खुद को खूबसूरत समझती हूं लेकिन जब घर पर होती हूं तो बिना ब्रा के ही उछलती हूं, कूदती हूं, डांस करती हूं और तब मै अपने आप को दुनिया की सबसे खुश लड़की समझती हूं। क्योंकि मुझे कोई घूरने वाला कोई नहीं होता, टोकने वाला नहीं होता, या मुझ पर हंसने वाला कोई नहीं होता। बिना 'ब्रा' के बाहर न मै उछल सकती न ही डांस कर सकती हूं।
भले ही हम ब्रा पहनकर कितना ही कॉन्फिडेंट और खूबसूरत क्यों ना महसूस कर लें, पर इसे उतारते वक्त जो खुशी और आज़ादी हम महसूस करते हैं, वो और किसी चीज़ में नहीं। हो सकता है ऐसा कई लड़कियों को न लगता हो लेकिन मेरी इस सोच से बहुत सारी लड़कियां सहमत भी होंगी।
तो ये बात तो साफ है कि 'ब्रा' वो मुसीबत है जो हमने खुद ही मोल ली हैं। मै तो 'ब्रा' को उस कॉस्मेटिक से रिलेट करती हूं जो हमारी धीरे-धीरे हमारी उम्र को घटा रहे हैं। बेशक मै ब्रा पहन कर ही बाहर निकलती हूं और खुद को खूबसूरत समझती हूं लेकिन जब घर पर होती हूं तो बिना ब्रा के ही उछलती हूं, कूदती हूं, डांस करती हूं और तब मै अपने आप को दुनिया की सबसे खुश लड़की समझती हूं। क्योंकि मुझे कोई घूरने वाला कोई नहीं होता, टोकने वाला नहीं होता, या मुझ पर हंसने वाला कोई नहीं होता। बिना 'ब्रा' के बाहर न मै उछल सकती न ही डांस कर सकती हूं।
कभी-कभी लगता है कि ब्रा पहनने के सिर्फ़ सामाजिक फायदे हैं शारीरिक कोई फायदे नहीं हैं। यह समाज की बनाई हुई वो मिसाल है जो सदियों से चलती आ रही है और सदियों तक चलेगी। शेप बनाने के लिए, फिगर को निखारने के लिए ब्रा पहनना बहुत ज़रूरी है। बिना पहने स्तन की सुंदरता, शरीर की सुंदरता खत्म सी हो जाएगी। वैसे मेडिकली देखा जाए तो इन औरतों के स्तन ज़्यादा आकर्षक और सुडौल होते हैं जो औरते ब्रा कम पहनती हैं या नहीं पहनती हैं।
कई सारे रिसर्च हुए हैं ब्रा को लेकर जिसमें यही बात सामने आयी है कि ब्रा पहनना ठीक है पर 12 घंटे से ज्यादा ब्रा पहनना खराब भी हो सकता है। ख़ैर समाज ने जब स्तन ढकने के लिए एक वस्त्र बना ही दिया है तो पहनना तो पड़ेगा ही। औरतें तन पर जितना कपड़ा लाद लें, ये उनकी शोभा को बढ़ाता है। एक लड़की के तन अगर खुले हों और बाहर निकल जाए तो उसे हर एक कदम पर ब्रेकर मिलेगा। ऐसे में बिना ब्रा निकलना तो एक लड़की के सेहत के लिए ज़हर जैसा है। ना बाबा ना.. इससे बेहतर है हम ब्रा पहन कर ही निकलें। स्तन ढक कर निकलें।
कई सारे रिसर्च हुए हैं ब्रा को लेकर जिसमें यही बात सामने आयी है कि ब्रा पहनना ठीक है पर 12 घंटे से ज्यादा ब्रा पहनना खराब भी हो सकता है। ख़ैर समाज ने जब स्तन ढकने के लिए एक वस्त्र बना ही दिया है तो पहनना तो पड़ेगा ही। औरतें तन पर जितना कपड़ा लाद लें, ये उनकी शोभा को बढ़ाता है। एक लड़की के तन अगर खुले हों और बाहर निकल जाए तो उसे हर एक कदम पर ब्रेकर मिलेगा। ऐसे में बिना ब्रा निकलना तो एक लड़की के सेहत के लिए ज़हर जैसा है। ना बाबा ना.. इससे बेहतर है हम ब्रा पहन कर ही निकलें। स्तन ढक कर निकलें।
लेकिन मै एक लड़की हूं अगर मै लेकिन अगर मै प्रकृतिक ढंग से, या अपने मन से जीने लगूं तो शायद समाज के लिए मुसीबत बन जाउंगी। बिना ब्रा के घर से निकल जाउं तो सबसे पहले घर वाले टोकेंगे। मां कहेगी अंदर जाकर 'ब्रा' पहन कर आ तभी बाहर जाना। अच्छा अब अगर मै चोरी से बगैर ब्रा डाले निकल भी गई तो सबकी निगहें मेरे सीने पर होंगी। सही कह रही कि नहीं..? तो अब अगर मेरा मन भी करे कि ब्रा न पहनु तो घर वाले और समाज मुझे ब्रा पहनने पर मजबूर कर देगा। प्रकृतिक तरीके से जीने पर विराम लग जाएगा।
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